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Baidyanath

वटविध्वंसन रस

वटविध्वंसन रस

नियमित रूप से मूल्य Rs. 155.00
नियमित रूप से मूल्य विक्रय कीमत Rs. 155.00
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बैद्यनाथ वातविध्वंसन रस एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी-खनिज मिश्रण है जिसका उपयोग मुख्य रूप से वात विकारों, जैसे तंत्रिका दर्द, पेट की समस्याओं और विभिन्न प्रकार के दर्द के प्रबंधन के लिए किया जाता है। यह वात दोष को संतुलित करने में मदद करता है और तंत्रिकाशोथ, उदर शूल और कुअवशोषण सिंड्रोम जैसी स्थितियों में लाभकारी है। यह दवा टैबलेट के रूप में उपलब्ध है और इसमें भारी धातुएँ होती हैं, इसलिए इसके उपयोग के दौरान सख्त चिकित्सकीय देखरेख आवश्यक है।  

पूरी जानकारी देखें

उत्पाद विनिर्देश

उत्पाद लाभ यह आयुर्वेदिक मिश्रण वात दोष को संतुलित करने में मदद करता है, और वात असंतुलन से उत्पन्न होने वाली बीमारियों जैसे पेट फूलना, शूल और प्लीहा संबंधी विकारों का समाधान करता है। यह उपास्थि और टेंडन को प्राकृतिक पोषक तत्व प्रदान करता है, जोड़ों के सामान्य कामकाज में सहायता करता है और गठिया तथा गाउट जैसी स्थितियों में दर्द और अकड़न को कम करता है। बैद्यनाथ वातविध्वंसन रस पाचन में भी सुधार करता है, अपच और सूजन के लक्षणों को कम करता है, और मिर्गी तथा तंत्रिका तंत्र से संबंधित अन्य समस्याओं के प्रबंधन में सहायता कर सकता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग बैद्यनाथ वातविध्वंसन रस विशेष रूप से तंत्रिकाशोथ, तंत्रिकाविकृति दर्द, उदरशूल और गठिया एवं गाउट जैसे जोड़ों से संबंधित रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है। यह बवासीर, प्लीहा विकारों के लिए भी संकेतित है, और स्त्री रोग संबंधी विकारों के प्रबंधन के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, यह स्वस्थ तंत्रिका कार्य को बढ़ावा देता है और गठिया से राहत प्रदान करता है।

महत्वपूर्ण सूचना

Ingredients:

बैद्यनाथ वातविध्वंसन रस में शुद्ध पारा (पारद शुद्ध), सीसा (नागा भस्म), टिन (वंग भस्म), लोहा (लौह भस्म), तांबा (ताम्र भस्म), बोरेक्स (टंकण भस्म), और अभ्रक (अभ्रक भस्म) जैसी भारी धातुएँ शामिल हैं। इसमें शुद्ध सल्फर (शुद्ध गंधक), शुद्ध एकोनाइट (शुद्ध वत्सनाभ), चित्रक, भृंगराज, पाइपर लोंगम और अन्य हर्बल घटक जैसे तत्व भी शामिल हैं।

Directions/Dosage:

बैद्यनाथ वातविध्वंसन रस आमतौर पर दिन में एक या दो बार लिया जाता है, और इसकी मात्रा अलग-अलग हो सकती है। इसे पारंपरिक रूप से भोजन से पहले या बाद में शहद, अदरक के रस, घी या अरंडी के तेल जैसे विशिष्ट पदार्थों के साथ लिया जाता है। उचित उपयोग और अवधि के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह का पालन करना ज़रूरी है।

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