बैद्यनाथ उन्मदगजकेशरी रस के प्रमुख घटकों में शुद्ध पारा (सुता/पारद), शुद्ध गंधक (शुद्ध गंधक), शुद्ध रियलगर (मनशिला), और शुद्ध धतूरा बीज (धत्तूरा बीज) शामिल हो सकते हैं। इसमें उग्रगंधा (एकोरस कैलमस) और रस्ना (प्लुचिया लांसोलाटा) भी हो सकते हैं। ये सामग्रियां पारंपरिक आयुर्वेदिक तरीकों के अनुसार तैयार की जाती हैं।



उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
यह आयुर्वेदिक औषधि मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता को बढ़ावा देने में सहायक मानी जाती है। यह चिंता, तनाव और व्यवहार संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकती है। यह मानसिक स्थितियों के लिए संकेतित है और मनोविकृति, उन्माद, सिज़ोफ्रेनिया और मिर्गी के इलाज में सहायक मानी जाती है। यह बुखार और दौरे से राहत दिलाने में भी सहायक मानी जाती है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
यह एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी-खनिज मिश्रण है जिसका पारंपरिक रूप से मानसिक विकारों के लिए उपयोग किया जाता है। यह मनोविकृति, उन्माद, सिज़ोफ्रेनिया और मिर्गी जैसी स्थितियों के लिए संकेतित है। इस दवा में शक्तिशाली तत्व होते हैं और इसका उपयोग उत्तर भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति में किया जाता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
इसे आमतौर पर घी के साथ दिया जाता है, और इसका उपयोग किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए।