बैद्यनाथ शदबिंदु तेल में मुख्य सामग्रियों में अक्सर एरंडमूल, रस्ना, डालाचिनी, विदंग, सुंता, यष्टिमधु, भांगड़ा रस, अजदुग्धा शामिल होते हैं। अन्य सामग्रियों में अगरा और त्वाक शामिल हो सकते हैं। इन सामग्रियों को नाक और श्वसन स्वास्थ्य के समर्थन में उनके पारंपरिक आयुर्वेदिक उपयोग के लिए चुना गया है

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महत्वपूर्ण सूचना
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Directions/Dosage:
पारंपरिक आयुर्वेदिक पद्धतियों में, बैद्यनाथ षट्बिंदु तेल जैसे नासिका तेल के उपयोग में अक्सर प्रत्येक नथुने में एक निश्चित संख्या में बूँदें डाली जाती हैं। यह प्रयोग पारंपरिक रूप से चेहरे पर हल्की मालिश और ऊष्मा चिकित्सा के बाद किया जाता है। किसी भी चिकित्सीय दृष्टिकोण की तरह, व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार सबसे उपयुक्त प्रयोग विधि और उपयोग की अवधि के बारे में मार्गदर्शन के लिए किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना उचित है।