बैद्यनाथ पुष्यानुग चूर्ण नंबर 2 में पारंपरिक रूप से विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियाँ शामिल हैं। मुख्य सामग्रियों में पाठा, लोधरा, अर्जुन, मुस्ता और धातकी शामिल हैं। अन्य सामग्रियों में नाग केशर, अर्जुन छल और नागरमुस्तका शामिल हैं।


उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
पुष्यानुग चूर्ण संख्या 2 के लाभों में गर्भाशय की दीवारों को टोन और मज़बूत करके गर्भाशय के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना शामिल है। यह मासिक धर्म के प्रवाह को नियमित करने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में भी मदद कर सकता है, जिससे दर्द और सूजन जैसे लक्षणों में कमी आ सकती है। यह चूर्ण बेहतर पाचन में योगदान दे सकता है और बवासीर जैसे रक्तस्राव विकारों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
इस उत्पाद का पारंपरिक रूप से भारी और लंबे समय तक मासिक धर्म रक्तस्राव (मेनोरेजिया) और अनियमित मासिक धर्म के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। आयुर्वेदिक पद्धतियों के अनुसार, इसका उपयोग श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) और अन्य महिला शिकायतों के लिए भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह दस्त और पेचिश जैसी पाचन समस्याओं में भी मददगार हो सकता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
इस उत्पाद को आमतौर पर चावल के पानी (तंडुलोदक) या शहद के साथ लिया जाता है। इसके उपयोग के बारे में मार्गदर्शन के लिए किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना उचित है। गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।