मुख्य सामग्रियों में मुक्ता भस्म (मोती की राख), शंख भस्म (शंख की राख), शुक्ति भस्म (सीप की शंख की राख), कपारदा भस्म (कौड़ी के खोल की राख), और प्रवला भस्म (कोरल कैल्शियम की राख) शामिल हैं। अन्य सामग्रियों की जैवउपलब्धता और प्रभावकारिता को बढ़ाने के लिए फॉर्मूलेशन में आक का दूध (कैलोट्रोपिस प्रोसेरा दूध) भी शामिल है।




उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
बैद्यनाथ प्रवाल पंचामृत पित्त दोष को संतुलित करके अति अम्लता, अपच और दस्त को कम करने में मदद कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह यकृत और प्लीहा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, विषहरण में सहायता करता है और पित्त स्राव को बढ़ावा देता है। इसके अतिरिक्त, यह हड्डियों की मजबूती के लिए प्राकृतिक कैल्शियम प्रदान करता है और भावनात्मक संतुलन और मानसिक स्पष्टता को बढ़ा सकता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
इस दवा का इस्तेमाल पारंपरिक रूप से अपच, अति अम्लता, सूजन, दस्त और कुअवशोषण सिंड्रोम जैसी विभिन्न पाचन समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल लिवर और प्लीहा के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ शरीर में अत्यधिक गर्मी से जुड़ी समस्याओं के प्रबंधन में भी किया जाता है। इसके अलावा, यह श्वसन संबंधी समस्याओं में भी लाभकारी हो सकता है और मस्तिष्क और हृदय के कार्य को बेहतर बना सकता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
इस दवा का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक के मार्गदर्शन में इसका उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है। कुछ अवयवों की उपस्थिति और अन्य दवाओं के साथ संभावित अंतःक्रियाओं के कारण, स्व-चिकित्सा की अनुशंसा नहीं की जाती है।