बैद्यनाथ पीयूषवल्ली रस में शुद्ध पारा (सुता/पारदा), शुद्ध सल्फर (गंधक), अभ्रक भस्म (प्रसंस्कृत अभ्रक), और लौह भस्म (लौह कैलक्स) जैसे प्रमुख तत्व शामिल हैं। इसमें भृंगराज, लौंग, अजवाइन, बोरेक्स, अतीस और स्वर्ण मक्षिका भस्म जैसी विभिन्न जड़ी-बूटियाँ और मसाले भी शामिल हैं।



उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
बैद्यनाथ पीयूषवल्ली रस का उपयोग मल त्याग को नियंत्रित करने और दस्त व पेचिश के लक्षणों से राहत दिलाने में किया जाता है। यह यकृत और प्लीहा के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है और भूख व पाचन में सुधार करने में सहायक हो सकता है। इस औषधि का पारंपरिक रूप से सूजन कम करने के लिए उपयोग किया जाता है और इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो संभावित रूप से बुखार और जलन से राहत प्रदान करते हैं।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
यह दवा मुख्य रूप से दस्त, पेचिश, उल्टी और अपच जैसे पाचन विकारों के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। पारंपरिक रूप से इसका उपयोग यकृत और प्लीहा विकारों, कुअवशोषण सिंड्रोम, मासिक धर्म में रक्तस्राव और बुखार के इलाज के लिए भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इसका उपयोग बवासीर जैसी स्थितियों के इलाज में भी किया जा सकता है और कभी-कभी महिला बांझपन के लिए भी इसकी सलाह दी जाती है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
बैद्यनाथ पीयूषवल्ली रस के उचित उपयोग के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है। वे व्यक्तिगत आवश्यकताओं और विशिष्ट स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत सुझाव दे सकते हैं। इस औषधि को अक्सर गर्म पानी के साथ या, कुछ विशिष्ट मामलों में, चिकित्सक की सलाह के अनुसार अनार के रस के साथ लेने की सलाह दी जाती है।