बैद्यनाथ पथरी में पारंपरिक रूप से शामिल कुछ प्रमुख तत्व हैं पाषाणभेद (बर्गेनिया लिगुलाटा), जो गुर्दे की पथरी के उपचार में अपने पारंपरिक उपयोग के लिए जाना जाता है, और वरुण (क्रेटेवा नूरवाला), जिसका पारंपरिक रूप से मूत्र मार्ग के स्वास्थ्य के लिए उपयोग किया जाता है। अन्य सामग्रियों में गोक्षुर (ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस), पुनर्नवा (बोएरहाविया डिफ्यूसा), अपामार्ग, कुलथी और यवक्षार शामिल हैं, जिनका मूत्र प्रणाली से संबंधित पारंपरिक उपयोग है।



उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
पारंपरिक रूप से माना जाता है कि यह आयुर्वेदिक औषधि गुर्दे की पथरी को तोड़ने में मदद करती है और संभवतः उनके बनने को रोकने में भी मदद करती है। यह मूत्र मार्ग में सूजन और जलन को कम करने में भी मदद कर सकती है, जिससे दर्द और जलन से राहत मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, बैद्यनाथ पथरी को गुर्दे के स्वस्थ कार्य में सहायक और शरीर की प्राकृतिक उत्सर्जन प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने वाला माना जाता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
इसका पारंपरिक रूप से मूत्र प्रणाली से जुड़ी समस्याओं, जैसे कि गुर्दे की पथरी और उससे जुड़ी परेशानियों के प्रबंधन के लिए उपयोग किया जाता है। इसका निर्माण गुर्दे के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया गया है और यह पथरी को प्राकृतिक रूप से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। इसका उपयोग पेशाब के दौरान दर्द और जलन जैसे लक्षणों को कम करने में भी किया जाता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
बैद्यनाथ पथरी के उपयोग संबंधी मार्गदर्शन के लिए, किसी योग्य स्वास्थ्य सेवा पेशेवर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना उचित है। वे व्यक्तिगत आवश्यकताओं और विशिष्ट स्वास्थ्य समस्या के आधार पर व्यक्तिगत सुझाव दे सकते हैं। उपयोग से पहले चिकित्सीय सलाह लेना ज़रूरी है, खासकर यदि आपको पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है या आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं।