बैद्यनाथ परिपथादि काढ़ा में प्रमुख सामग्रियों में पाठ पंचांग, मुलेठी, गुडुची (गिलोय), नागरमोथा, हरीतकी और इंद्रजाव शामिल हैं। फॉर्मूलेशन में अक्सर मौजूद अन्य घटक भुनिम्बा, मुस्ता और परिपथ हैं। इन सामग्रियों को पित्त दोष को संतुलित करने और त्वचा और पाचन स्वास्थ्य का समर्थन करने में उनके पारंपरिक उपयोग के लिए चुना जाता है।

उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
बैद्यनाथ परिपाठादि काढ़े के लाभों में पित्त विकारों को नियंत्रित करना, शरीर की अतिरिक्त गर्मी को कम करना और शरीर के विभिन्न अंगों में जलन को कम करना शामिल है। यह शरीर को विषमुक्त करने, त्वचा पर चकत्ते और छालों को नियंत्रित करने और संभावित रूप से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और चयापचय को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह काढ़ा पाचन में भी सहायक है और कब्ज व हाइपरएसिडिटी से राहत दिलाने में मदद करता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
बैद्यनाथ परिपाठादि काढ़ा विशेष रूप से त्वचा पर होने वाले दाने, चकत्ते और छालों को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है, खासकर खसरा, चेचक और दाद से होने वाले छालों को। यह हाथों, पैरों और आँखों में होने वाली जलन को कम करने में मदद करता है, और आँखों के नीचे होने वाली घमौरियों और काले घेरों को भी कम करता है। इस मिश्रण का उपयोग शरीर की अत्यधिक गर्मी और ज्वर के बाद होने वाली जलन से संबंधित स्थितियों को नियंत्रित करने के लिए भी किया जाता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
बैद्यनाथ परिपाठादि काढ़ा आमतौर पर भोजन के बाद, बराबर मात्रा में पानी मिलाकर पिया जाता है। अनुशंसित उपयोग निर्देशों का पालन करना और व्यक्तिगत सलाह के लिए चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।