बैद्यनाथ नित्यानंद रस की प्रमुख सामग्रियों में कज्जली (शुद्ध पारा और सल्फर), ताम्र भस्म (प्रसंस्कृत तांबा), कंस्य भस्म (कांस्य), हरताल (आर्सेनिक ट्राइसल्फ़ाइड), और वंग भस्म (टिन) शामिल हैं। इसमें त्रिफला, त्रिकटु, विदंगा, दंती, चव्य, देवदारु और कई अन्य जड़ी-बूटियाँ भी शामिल हैं, जो इसके पारंपरिक उपयोग में योगदान करती हैं।




उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
इसका पारंपरिक रूप से हाथीपाँव, फाइलेरिया और गांठों के प्रबंधन में उपयोग किया जाता है, यह एक टॉनिक के रूप में कार्य करता है और सूजन कम करने और विषहरण में सहायता करता है। ऐसा माना जाता है कि यह थायरॉइड स्वास्थ्य में सहायक है और लसीका परिसंचरण में सुधार करने में मदद कर सकता है। यह सूत्रीकरण पाचन स्वास्थ्य में भी सहायक है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
यह दवा पारंपरिक रूप से एलिफेंटियासिस और फाइलेरिया के प्रबंधन के लिए संकेतित है, जो परजीवी रोग हैं जो अंगों और शरीर के अन्य अंगों में गंभीर सूजन पैदा करते हैं। इसका उपयोग शरीर में गांठों और फाइब्रॉएड को कम करने में मदद करने के साथ-साथ थायरॉइड स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी किया जाता है, खासकर गण्डमाला और ग्रंथियों की सूजन के मामलों में। इसके अतिरिक्त, इसका पारंपरिक रूप से वात और कफ दोषों को संतुलित करने में उपयोग किया जाता है और गठिया और मोटापे जैसी स्थितियों के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
बैद्यनाथ नित्यानंद रस का उपयोग किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार ही किया जाना चाहिए। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस औषधि में भारी धातुएँ होती हैं, और सुरक्षा एवं प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए, किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर द्वारा बताई गई मात्रा और उपयोग की अवधि का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।