बैद्यनाथ निर्गुंडी तेल में मुख्य सामग्री में आम तौर पर निर्गुंडी (विटेक्स नेगुंडो), ग्लोरियोसा सुपरबा (कलिहारी), और तिल का तेल (तिल तेल) शामिल हैं। इसमें रूबिया कॉर्डिफ़ोलिया (मंजिष्ठा), करकुमा लोंगा (हरिद्रा/हल्दी), और सिम्प्लोकोस रेसमोसा (लोधरा छल) जैसे तत्व भी शामिल हो सकते हैं।

उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
इसके संभावित लाभों में रक्त परिसंचरण में सुधार और प्रभावित क्षेत्र में दर्द और सूजन को कम करना शामिल है। यह घावों को भरने और मांसपेशियों के दर्द और सूजन को कम करने में भी सहायक माना जाता है। इसके अतिरिक्त, यह एक शांत प्रभाव प्रदान करता है, जिससे यह तनाव और थकान को कम करने के लिए मालिश के लिए आदर्श है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
इस तेल का इस्तेमाल आमतौर पर जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द, पीठ दर्द और गठिया जैसी बीमारियों से जुड़ी अकड़न को कम करने के लिए किया जाता है। नाक, कनपटियों और माथे के आसपास लगाने पर इसका इस्तेमाल नाक बंद होने, सिरदर्द और साइनस से राहत पाने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा, यह घाव भरने में भी मदद करता है, खासकर अल्सर, फोड़े और कार्बुनकल के लिए।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
बाहरी उपयोग के लिए, एक सामान्य तरीका यह है कि एक रुई के फाहे को तेल में भिगोकर प्रभावित जगह पर लगाया जाए। बेहतर अवशोषण के लिए अक्सर त्वचा पर तेल की हल्की मालिश करने की सलाह दी जाती है। छालों के लिए, तेल में भीगे रुई के फाहे को छालों में रखने की सलाह दी जा सकती है। हमेशा किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर के निर्देशानुसार या उत्पाद के लेबल पर दिए गए निर्देशों के अनुसार ही इस्तेमाल करें।