बैद्यनाथ नागार्जुनभ्र रस मुख्य रूप से प्रसंस्कृत अभ्रक भस्म और अर्जुन वृक्ष की छाल से बना है, जिसे वानस्पतिक रूप से टर्मिनलिया अर्जुन कहा जाता है। अभ्रक भस्म एक शुद्ध खनिज मिश्रण है, और अर्जुन की छाल आयुर्वेदिक पद्धति में एक प्रसिद्ध जड़ी-बूटी है, जो अपने हृदय संबंधी गुणों के लिए जानी जाती है। माना जाता है कि ये मुख्य घटक हृदय की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने और संबंधित समस्याओं का समाधान करने में सहायक होते हैं।

उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
इसे हृदय की मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने और रक्त प्रवाह में सुधार के लिए लाभकारी माना जाता है। यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय गति को नियंत्रित करने में भी सहायक हो सकता है। इस मिश्रण को एक पुनर्जीवन और कामोत्तेजक माना जाता है, जो संभावित रूप से शक्ति और संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ाता है और साथ ही एनीमिया और पीलिया जैसी स्थितियों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
यह आयुर्वेदिक औषधि मुख्य रूप से सीने में तकलीफ और अनियमित दिल की धड़कन जैसी विभिन्न हृदय स्थितियों के प्रबंधन के लिए उपयोगी है। यह मतली, भूख न लगना, उल्टी, पेट में तकलीफ और ढीले मल जैसे लक्षणों को कम करने में भी मदद कर सकती है। इसके अतिरिक्त, इसका उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं, रक्तस्राव की स्थिति, सूजन और लगातार बुखार के लिए भी किया जाता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
इस उत्पाद के उपयोग की उचित मात्रा और अवधि के बारे में किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से मार्गदर्शन लेना आवश्यक है। बिना किसी पेशेवर चिकित्सा परामर्श के इसे स्वयं लेने की अनुशंसा नहीं की जाती है। हमेशा किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।