मुख्य घटकों में मुक्ता भस्म (कैल्सीफाइड मोती), प्रवाल भस्म (कैल्सीफाइड मूंगा), वंगा भस्म (टिन कैलक्स), शंख भस्म (कैल्सीफाइड शंख), और मुक्ताशुक्ति भस्म (कैल्सीफाइड मोती सीप) शामिल हैं। फॉर्मूलेशन में गन्ना, विदारी (प्यूएरिया ट्यूबरोसा), एलोवेरा, शतावरी (शतावरी रेसमोसस), पवित्र तुलसी, हम्सपदी और गाय के दूध जैसे पौधों के रस या अर्क भी शामिल हो सकते हैं।

उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
बैद्यनाथ मुक्तपंचामृत रस पुराने बुखार को कम करने और तपेदिक के प्रबंधन में मदद कर सकता है। इसका पारंपरिक रूप से पुराने दस्त, कुछ रक्तस्राव विकारों, बवासीर से राहत दिलाने और आंतों व हृदय की कमज़ोरी को दूर करने में उपयोग किया जाता है। इस मिश्रण का उपयोग एनीमिया, पीलिया और पित्त विकार (पित्त दोष से संबंधित विकार) में भी किया जाता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
इस दवा का उपयोग पुराने बुखार, पुराने दस्त और बवासीर जैसी स्थितियों के प्रबंधन में मदद के लिए किया जा सकता है। इसे बुखार से संबंधित विकारों के उपचार के लिए, विशेष रूप से राजयक्ष्मा के गंभीर मामलों में, जो एक दुर्बल करने वाला रोग है और अक्सर तपेदिक से जुड़ा होता है, लाभकारी माना जाता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
इसे किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के मार्गदर्शन में ही लेना चाहिए। पारंपरिक रूप से इसे शहद, दूध या गर्म पानी जैसे पदार्थों के साथ लिया जाता है।