शुद्ध पारद (शुद्ध पारा), शुद्ध गंधक (शुद्ध सल्फर), और अभ्रक भस्म (कैल्सीनयुक्त अभ्रक)। अन्य महत्वपूर्ण घटक हैं जयफल (जायफल), जावित्री (जावित्री), विधारा बीज (आर्गिरिया स्पेशियोसा बीज), सुध धतूरा बीज (धतूरा मेटल बीज), भांग बीज (कैनाबिस सैटिवा बीज), विदारी कंद (प्यूरेरिया ट्यूबरोसा), शतावरी (शतावरी रेसमोसस), नागबाला (ग्रेविया हिरसुता), अतिबाला (अबुटिलॉन इंडिकम), गोखरू (ट्रिबुलस) टेरेस्ट्रिस), और कपूर (सिनामोमम कैम्फोरा)।




उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
यह एक रसायन (कायाकल्पकारी टॉनिक) के रूप में कार्य करता है, सभी धातुओं (ऊतकों) को पोषण देता है और ओजस (जीवन शक्ति) को बढ़ाता है। इसमें ज्वरनाशक, कामोद्दीपक, कफ निस्सारक, रोगाणुरोधक और जठर-संबंधी गुण होते हैं। यह यौगिक कफ और बलगम को साफ करने, सांस लेने में आसानी और खांसी व गले की जलन को कम करने में मदद करता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, मानसिक स्पष्टता में सुधार करता है और सहनशक्ति व ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
इसका उपयोग मुख्य रूप से विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है, विशेष रूप से श्वसन और त्वचा संबंधी विकारों के लिए। यह खांसी, जुकाम, साइनसाइटिस, अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी जटिलताओं के लिए संकेतित है। इसके अतिरिक्त, इसका उपयोग त्वचा रोगों, बवासीर, पुरानी पेचिश के इलाज के लिए किया जाता है, और यह उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी स्थितियों के प्रबंधन में भी सहायक हो सकता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
रास्नादि काढ़े के साथ दिन में दो बार एक गोली या चिकित्सक के परामर्शानुसार लें। अधिक खुराक के संभावित दुष्प्रभावों के कारण स्व-चिकित्सा की सलाह नहीं दी जाती है। दवा को ठंडी, सूखी जगह पर रखना चाहिए और बच्चों की पहुँच से दूर रखना चाहिए। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान भी इसका सेवन न करना ही बेहतर है।