बैद्यनाथ क्षीरबाला तेल में मुख्य सामग्री में आमतौर पर बला (सिडा कॉर्डिफ़ोलिया), गाय का दूध (क्षीर), और तिल का तेल (तिल तैला) शामिल हैं। कुछ मिश्रणों में हरिद्रा (हल्दी) और मंजिष्ठा (रूबिया कॉर्डिफ़ोलिया) भी हो सकती है। इन सामग्रियों को पारंपरिक रूप से संसाधित करके औषधीय तेल तैयार किया जाता है जिसमें औषधीय गुण होते हैं।

उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
बैद्यनाथ क्षीरबाला तेल के संभावित लाभों में तंत्रिका स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और तंत्रिका तंत्र को मज़बूत करना शामिल है। यह जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे लचीलेपन और गतिशीलता में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, यह मांसपेशियों की रिकवरी और कायाकल्प में सहायक माना जाता है, जिससे बीमारी या व्यायाम के बाद रिकवरी में मदद मिलती है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
इस उत्पाद का पारंपरिक रूप से जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए उपयोग किया जाता है, जिसमें ऑस्टियोआर्थराइटिस, गाउट, लम्बागो और स्पोंडिलोसिस जैसी स्थितियाँ शामिल हैं। इसका उपयोग साइटिका और लकवा सहित तंत्रिका-पेशीय दर्द को नियंत्रित करने और तंत्रिका पुनर्जनन में सहायता के लिए भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इसका उपयोग सामान्य दुर्बलता को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
पारंपरिक उपयोग के लिए, बैद्यनाथ क्षीरबाला तेल को अक्सर बाहरी रूप से लगाया जाता है और प्रभावित क्षेत्र पर हल्के हाथों से मालिश की जाती है। इसे लगाने से पहले कभी-कभी थोड़ा गर्म किया जाता है। इस तेल का उपयोग करने से पहले, खासकर अगर इसे आंतरिक रूप से लिया जा रहा हो, किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना और उत्पाद की पैकेजिंग पर दिए गए निर्देशों का पालन करना आवश्यक है।