बैद्यनाथ क्षार तेल में आमतौर पर मूली-क्षार, जाव (जौ), हींग, देवदारू, कूट और पिपलामूल जैसे प्रमुख तत्व होते हैं। अन्य सामग्रियों में अक्सर यवक-क्षार, सज्जी-लशार, सैंधव नमक (सेंधा नमक), और समुद्र नमक (समुद्री नमक) शामिल होते हैं, जो सभी सरसों के तेल में संसाधित होते हैं।

उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
बैद्यनाथ क्षार तेल के संभावित लाभों में कान के दर्द को कम करना, सूजन कम करना और संक्रमण को नियंत्रित करना शामिल है। ऐसा माना जाता है कि यह कान के मैल को नरम और निकालने, कान की स्वच्छता को बढ़ावा देने और समग्र कान के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। इसके अतिरिक्त, यह सुनने की क्षमता में सुधार और कान से जुड़ी अन्य समस्याओं को रोकने में भी मदद कर सकता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
इस उत्पाद का पारंपरिक रूप से कान की समस्याओं जैसे टिनिटस (कानों में बजना), कान दर्द, सुनने की क्षमता में कमी और कान के संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग ओटोरिया (कान से पानी आना), कान में मैल जमना और कान की अन्य समस्याओं में भी किया जाता है। कुछ स्रोत चेहरे और दांतों की बीमारियों में भी इसके इस्तेमाल का सुझाव देते हैं।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
पारंपरिक उपयोग के लिए, इस तेल को आमतौर पर प्रत्येक कान में डाला जाता है। उत्पाद की पैकेजिंग पर दिए गए निर्देशों का पालन करना उचित है या विशिष्ट मार्गदर्शन के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।