बैद्यनाथ खदिरदी बाटी के प्रमुख घटकों में आमतौर पर खादिर (बबूल कत्था), जावित्री (मिरिस्टिका सुगंध), कबाबचीनी (पाइपर क्यूबेबा), सुपारी (एरेका कत्थू), कपूर (सिनामोमम कैम्फोरा), और कंकोल (पाइपर क्यूबेबा) शामिल हैं। त्रिफला और यष्टिमधु जैसे अन्य तत्व भी कुछ फॉर्मूलेशन में मौजूद हो सकते हैं। ये सामग्रियां पारंपरिक आयुर्वेदिक प्रक्रियाओं का पालन करके तैयार की जाती हैं।

उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
बैद्यनाथ खादिरादि बटी गले की खराश और मुँह के छालों को आराम पहुँचाने, सूजन और जलन को कम करने और स्पष्ट आवाज़ पाने में मदद करने के लिए बनाई गई है। इसका उपयोग मुँह की स्वच्छता बनाए रखने के लिए भी किया जाता है, जिससे साँसों की दुर्गंध को रोकने और मसूड़ों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, यह दवा एक कफ निस्सारक के रूप में भी काम करती है, जो बंद नाक को साफ़ करने और खांसी को कम करने में मदद कर सकती है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
यह दवा विशेष रूप से मुंह के छालों और नासूर घावों के इलाज में उपयोग की जाती है, दर्द और जलन से राहत प्रदान करती है। इसके सुखदायक और सूजन-रोधी गुणों के कारण, इसका उपयोग गले की खराश, टॉन्सिलाइटिस और गले के संक्रमण के इलाज के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा, यह मौखिक स्वच्छता में सुधार, सांसों की दुर्गंध को कम करने और मसूड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
बैद्यनाथ खादिरादि बटी का उपयोग आमतौर पर एक लोज़ेंज के रूप में किया जाता है, जिसे मुँह में रखकर धीरे-धीरे घुलने दिया जाता है, या इसे चबाया जा सकता है। उचित उपयोग और अवधि के बारे में मार्गदर्शन के लिए, विशेष रूप से बच्चों सहित व्यक्तियों के लिए, किसी योग्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना उचित है।