इस फॉर्मूलेशन में मुख्य सामग्रियों में कालमेघ (एंड्रोग्राफिस पैनिकुलता), गिलोय (टिनोस्पोरा कॉर्डिफ़ोलिया), कुटकी (पिक्रोरिज़ा कुरोआ), सप्तपर्णा (एल्सटोनिया स्कॉलरिस), रोहिताका छाल (टेकोमेला अंडुलता), कुटज छाल, धातकी, और लोहा भस्म (आयरन कैलक्स) शामिल हैं। अन्य सामग्रियों में हरीतकी, विभीतकी, बाबुल की छल, गुड़ और किण्वन के लिए पानी शामिल हो सकते हैं।



उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
बैद्यनाथ कालमेघसव के संभावित लाभों में यकृत और प्लीहा संबंधी विकारों में सहायता, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना और पाचन में सुधार शामिल हैं। यह सूजन को कम करने, शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद करने और विषहरण में भी सहायक हो सकता है। यह सूत्रीकरण पित्त प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो यकृत और प्लीहा के स्वास्थ्य को और बेहतर बनाता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
इस उत्पाद का पारंपरिक रूप से उपयोग यकृत और प्लीहा संबंधी समस्याओं, जैसे कि वृद्धि, के उपचार और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायता के लिए किया जाता है। इसका उपयोग पुराने बुखार, थकान और भूख न लगने की समस्या में भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह पाचन क्रिया में सहायक है और माना जाता है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
पारंपरिक उपयोग के लिए, इस मिश्रण को आमतौर पर बराबर मात्रा में पानी के साथ, भोजन के बाद दो बार, या किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर की सलाह के अनुसार लिया जाता है। उत्पाद के लेबल को ध्यान से पढ़ना और उपयोग से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना ज़रूरी है, खासकर बच्चों, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं, या किसी मौजूदा स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त लोगों के लिए।