बैद्यनाथ अर्शोघ्नी बाटी में मुख्य सामग्री में निंबोली (नीम के बीज), बकायन फल (मेलिया अज़ेदारच), खुनखराबा (डेमोनोरॉप्स ड्रेको), कहरवा पिष्टी, और रसांजन सुधा (बर्बेरिस अरिस्टाटा) शामिल हैं। त्रिनकांत पिष्टी सहित अन्य सामग्रियां भी मौजूद हो सकती हैं। इन घटकों को पारंपरिक आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन के अनुसार मिश्रित किया जाता है।

उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
बैद्यनाथ अर्शोघ्नी बटी कई संभावित लाभ प्रदान करती है, जिनमें बवासीर से जुड़ी गुदा-मलाशय क्षेत्र में असुविधा, खुजली और जलन को कम करना शामिल है। यह रक्त वाहिकाओं की सूजन और बवासीर की गांठ के आकार को कम करने में मदद करती है। यह दवा पाचन में सुधार और आंत्र कार्यों को सामान्य करने में भी मदद कर सकती है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
यह औषधि विशेष रूप से सभी प्रकार के बवासीर, जिनमें रक्तस्रावी और रक्तस्राव रहित बवासीर, और गुदा विदर शामिल हैं, के उपचार में उपयोग की जाती है। यह बवासीर के आकार को कम करने में मदद करती है और रक्तस्रावी बवासीर के मामलों में रक्तस्राव को रोक सकती है। इसके अतिरिक्त, बैद्यनाथ अर्शोघ्नी बटी का उपयोग कब्ज को नियंत्रित करने में मदद के लिए किया जाता है, जो बवासीर के विकास में योगदान देने वाला एक सामान्य कारक है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
बैद्यनाथ अर्शोघ्नी बटी का सेवन आमतौर पर पारंपरिक आयुर्वेदिक पद्धतियों के अनुसार या किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार किया जाता है। सेवन की विधि विशिष्ट स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकती है।