मुख्य सामग्रियों में शुद्ध कज्जली, गोमूत्र, पीपल, सेंधा नमक, सूरन (हाथी पैर रतालू), काली मिर्च, सौंठ, दंती मूल और ताम्र भस्म शामिल हैं। लौह भस्म, सेहुंड, टंकण भस्म और वंशलोचन जैसी अन्य सहायक जड़ी-बूटियाँ मलाशय की स्थिति में इसकी प्रभावकारिता में योगदान करती हैं।



उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
अर्शकुठार रस गुदा क्षेत्र में दर्द, जलन और सूजन को कम करने में मदद करता है। यह उपचार प्रक्रिया में सहायक है, मल त्याग में सुधार करता है, और अपने कसैले और विषहरण गुणों से बवासीर को प्राकृतिक रूप से कम करने में मदद करता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
यह दवा मुख्य रूप से बवासीर (रक्तस्रावी और गैर-रक्तस्रावी दोनों), गुदा विदर और फिस्टुला-इन-एनो के उपचार और प्रबंधन में उपयोग की जाती है। यह गुदा क्षेत्र में चुभन, जलन और खुजली जैसे लक्षणों से राहत दिलाने में विशेष रूप से उपयोगी है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
भोजन के बाद या चिकित्सक के निर्देशानुसार दिन में दो बार 1 से 2 गोलियाँ लें। बेहतर परिणामों के लिए उपचार के दौरान उचित आहार और जीवनशैली का पालन करने की सलाह दी जाती है।