बैद्यनाथ अणु तेल की प्रमुख सामग्रियों में चंदन, अगर, दारुहरिद्रा, यष्टि, बाला, इला, खस और विदंगा शामिल हो सकते हैं। इस प्रकार की तैयारी में अक्सर पाई जाने वाली अन्य सामग्रियों में मंजिष्ठा, हल्दी, मुलेठी, तेजपात, शालपर्णी, देवदारु, शतावरी और गोदुग्धा शामिल हैं।

उत्पाद विनिर्देश
उत्पाद लाभ
बैद्यनाथ अणु तेल के संभावित लाभों में कान, नाक और गले के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और शरीर की संक्रमणों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाना शामिल है। ऐसा माना जाता है कि यह नाक के मार्ग को साफ़ करने और श्वसन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, पारंपरिक उपयोग बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकता है।
उत्पाद के विशिष्ट उपयोग
इस उत्पाद का पारंपरिक रूप से नाक की जकड़न और सूजन को कम करने, साँस लेने में आसानी और संक्रमणों के विरुद्ध शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग सिरदर्द, ग्रीवा दर्द और अकड़न, एलर्जिक राइनाइटिस और बालों की समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। अनु तेल का उपयोग आँखों, कानों और नाक में होने वाली असुविधा को कम करने और संवेदी अंगों के कार्य को बेहतर बनाने के लिए भी किया जाता है।
महत्वपूर्ण सूचना
Ingredients:
Directions/Dosage:
पारंपरिक उपयोग के लिए, इस प्रकार के उत्पाद को आमतौर पर प्रत्येक नथुने में डाला जाता है। इसका उपयोग आमतौर पर किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार किया जाता है। व्यक्तियों को किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श लेना चाहिए, खासकर यदि वे गर्भवती हैं, स्तनपान करा रही हैं, या बच्चों के लिए इसका उपयोग करने पर विचार कर रही हैं।